Album Cover Shaayad

Shaayad

Taba Chake

14

शायद मैं ही हूँ, शायद मैं नहीं

हुआ क्या, ना जाना

जाने ये रास्ते ले जाते हैं कहाँपता ना

यूँ ही बस चल पड़ा

मुझ को कुछ भी ख़बर नहीं, ख़बर नहीं

मैं हूँ एक मुसाफ़िर

हमसफ़र भी नहीं, भी नहीं

इनमें भी मैं ही हूँ, इनमें भी मैं नहीं

मुझे ये है हुआ क्या? कुछ पता ही नहीं

शीशे की राह पे चल के ढूँढें अब मंज़िलें हम

गिर पड़े जो तो गिरने दो, हौसले टूटें नहीं

ज़िंदगी आसाँ होती ही है कहाँ, है कहाँ

ये फ़ासले जो दरमियाँ, दूरियाँ, ये दूरियाँ

ज़िंदगी आसाँ होती ही है कहाँ, यारों

ये कैसी हैं आख़िर मजबूरियाँ, मजबूरियाँ?

इनमें भी मैं ही हूँ, इनमें भी मैं नहीं

मुझे ये है हुआ क्या? कुछ पता ही नहीं

शीशे की राह पे चल के ढूँढें अब मंज़िलें हम

गिर पड़े जो तो गिरने दो, हौसले टूटें नहीं

हौसले टूटें नहीं

हौसले टूटें नहीं