Album Cover Jay

Jay

Kailash Kher

4

क्या कभी अम्बर से

सूर्य बिछड़ता है

क्या कभी बिन बाती

दीपक जलता है

क्या कभी अम्बर से

सूर्य बिछड़ता है

क्या कभी बिन बाती

दीपक जलता है

कैसी है ये अनहोनी

हर आँख हुई नम

छोड़ गया जो तू

कैसे जियेंगे हम

तूही किनारा तूही सहारा

तू जग सारा, तू ही हमारा

सूरज तूही तारा

जय जयकारा, जय जयकारा

स्वामी देना साथ हमारा

(जय जयकारा जय जयकारा)

(स्वामी देना साथ हमारा)

जहाँ जहाँ तेरे पाऊँ पड़े

वो धरती अम्बर हो जाये

जाने ये कैसी माया

माया है तेरी

तू निर्बल चाबल है

स्वामी रखवाला हम सब का

उसको क्या डर है

जिसपे छाया तेरी

कण कण में है ख़ुशहाली

झूमे हैं डाली डाली

हम प्यासों पे जो रिमझिम बरसे

है बादल से

तूही वो अमृत की धरा

जय जयकारा, जय जयकारा

स्वामी देना साथ हमारा

जय जयकारा जय जयकारा

स्वामी देना साथ हमारा