Album Cover Jay

Jay

Kailash Kher

11

क्या कभी अम्बर से

सूर्य बिछड़ता है

क्या कभी बिन बाती

दीपक जलता है

क्या कभी अम्बर से

सूर्य बिछड़ता है

क्या कभी बिन बाती

दीपक जलता है

कैसी है ये अनहोनी

हर आँख हुई नम

छोड़ गया जो तू

कैसे जियेंगे हम

तूही किनारा तूही सहारा

तू जग सारा, तू ही हमारा

सूरज तूही तारा

जय जयकारा, जय जयकारा

स्वामी देना साथ हमारा

(जय जयकारा जय जयकारा)

(स्वामी देना साथ हमारा)

जहाँ जहाँ तेरे पाऊँ पड़े

वो धरती अम्बर हो जाये

जाने ये कैसी माया

माया है तेरी

तू निर्बल चाबल है

स्वामी रखवाला हम सब का

उसको क्या डर है

जिसपे छाया तेरी

कण कण में है ख़ुशहाली

झूमे हैं डाली डाली

हम प्यासों पे जो रिमझिम बरसे

है बादल से

तूही वो अमृत की धरा

जय जयकारा, जय जयकारा

स्वामी देना साथ हमारा

जय जयकारा जय जयकारा

स्वामी देना साथ हमारा